किचन में मौजूद ये चीजें है नेचुरल खाद, नियमित इस्तेमाल से पौधों में भर जाएगी नई जान

ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर पौधों को जरूरी पोषण प्रदान करते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारते हैं। ये हमारे आस पास के पर्यावरण को हानिकारक कैमिकल्स से बचाते हैं। ये सस्ते, आसानी से उपलब्ध और लंबे समय तक पौधों की जड़ों को पोषण देने में सहायक होने के साथ-साथ इको फ्रेंडली भी होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में मौजूद कई ऐसी चीजें हैं, जो आपके पौधों के लिए बेहतरीन नेचुरल फर्टिलाइजर का काम कर सकती हैं। ये न सिर्फ पौधों को पोषण देती हैं, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता को भी सुधारती हैं। आइए जानते हैं इन घरेलू नेचुरल फर्टिलाइजर के बारे में।

किचन स्क्रैप

सब्जियों और फलों के छिलके, बचा हुआ खाना या सड़े गले फल पौधों के लिए बेहतरीन खाद का काम करते हैं। इन्हें सीधे मिट्टी में डालें या कम्पोस्ट बनाएं।

चायपत्ती और कॉफी ग्राउंड्स

इस्तेमाल की हुई चायपत्ती और कॉफी ग्राउंड्स मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते हैं, जो पौधों के लिए एक अच्छा फर्टिलाइजर बनता है। इन्हें सुखाकर पौधों के आसपास डालें।

अंडे के छिलके

अंडे के छिलके कैल्शियम से भरपूर होते हैं। इन्हें सुखाकर पीस लें और मिट्टी में मिलाएं। ये पौधों को मजबूत बनाते हैं।

केले के छिलके

पोटैशियम और फॉस्फोरस से भरपूर, केले के छिलके पौधों की फूल और फल उत्पादन क्षमता बढ़ाते हैं। इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में दबा दें।

रसोई का बचा पानी

चावल, दाल या सब्जी उबालने के बाद बचा हुआ पानी ठंडा होने पर पौधों को दें। इसमें पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व होते हैं।

लकड़ी की राख

यदि आपके पास चूल्हे की राख है, तो यह पोटैशियम और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। इसे थोड़ी मात्रा में मिट्टी में मिलाएं।

छाछ या मट्ठा

मट्ठा पौधों के लिए प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है। इसे पानी में मिलाकर पौधों में डालें।

प्याज और लहसुन का छिलका

इनका काढ़ा बनाकर ठंडा करें और पानी के साथ पौधों में डालें। यह पौधों को कीटों से बचाने में मदद करता है।

गुड़ का पानी

पानी में गुड़ घोलकर पौधों में डालें। यह मिट्टी में लाभदायक बैक्टीरिया की वृद्धि करता है।

पुरानी रोटी और ब्रेड

रोटी के टुकड़ों को सुखाकर मिट्टी में मिलाएं। यह धीरे-धीरे नाइट्रोजन छोड़ता है।

फायदे- ये सभी फर्टिलाइजर इको फ्रेंडली होते हैं, जो न केवल पौधों को पोषण देते हैं, बल्कि रसायनों से बचाव करके पर्यावरण को भी सुरक्षित रखते हैं। इन्हें अपनाकर आप अपने पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा बना सकते हैं।

 

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