पहलगाम हमला: मुजफ्फराबाद और कराची के ‘सेफ हाउस’ से जुड़े थे आतंकी, डिजिटल सबूतों ने पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश किया

पहलगाम हमला: मुजफ्फराबाद और कराची के 'सेफ हाउस' से जुड़े थे आतंकी, डिजिटल सबूतों ने पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश किया

पहलगाम हमला: मुजफ्फराबाद और कराची के ‘सेफ हाउस’ से जुड़े थे आतंकी, डिजिटल सबूतों ने पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश किया

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों को ऐसे डिजिटल सबूत मिले हैं जो सीधे पाकिस्तान-based आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। ये सबूत साबित करते हैं कि हमलावर पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची स्थित आतंकियों के ‘सेफ हाउस’ से जुड़े हुए थे। पाकिस्तान के इन क्षेत्रों से आतंकी न केवल नियंत्रण प्राप्त करते हैं, बल्कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाता है।

डिजिटल फुटप्रिंट ने खोला राज

सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल और आसपास से मिले इलेक्ट्रॉनिक डेटा और सिग्नल्स को खंगालकर पाया कि हमले से पहले और उसके दौरान आतंकी लगातार एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन के जरिए अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स से संपर्क में थे। इन कम्युनिकेशनों को ट्रेस करने पर उनकी लोकेशन पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची में स्थित संदिग्ध ठिकानों से मेल खा रही है। यह डिजिटल सबूत यह साफ तौर पर साबित करते हैं कि पाकिस्तान से आतंकवादियों की भेजने की प्रक्रिया और उनकी गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी थी।

पाकिस्तान की पोल खुली

पाकिस्तान हमेशा की तरह इस हमले में हाथ होने से इनकार करता रहा है, लेकिन इस बार मिले डिजिटल सबूतों ने उसकी सारी दलीलें झूठी और खोखली साबित कर दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पूर्व-नियोजित था और इसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की जानकारी और समर्थन से अंजाम दिया गया। पाकिस्तान की सरकारी दलीलें अब ज्यादा विश्वसनीय नहीं रही हैं, क्योंकि डिजिटल जांच से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि आतंकी पाकिस्तानी सुरक्षित घरों से सीधे निर्देश प्राप्त कर रहे थे।

सेफ हाउस का नेटवर्क

सूत्रों के अनुसार, इन ‘सेफ हाउस’ का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने, हथियार और विस्फोटक भेजने और आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए किया जा रहा था। कराची और मुजफ्फराबाद के इन ठिकानों से पहले भी कई आतंकी हमलों में लिंक सामने आ चुके हैं, लेकिन इस बार डिजिटल फोरेंसिक सबूतों ने इसे और पुख्ता कर दिया है। इन क्षेत्रों में आतंकवादी संगठनों का समर्थन और गतिविधियाँ पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों के संरक्षण में चलती हैं।

भारत की सख्त प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस खुलासे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की तैयारी कर ली है। सुरक्षा और विदेश मंत्रालय के अधिकारी इसे संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर पेश करेंगे, ताकि पाकिस्तान की आतंकी संरचना को दुनिया के सामने बेनकाब किया जा सके। भारत अब वैश्विक समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव बनाने का प्रयास करेगा, ताकि पाकिस्तानी सरकार को आतंकवाद के समर्थन से हाथ खींचने के लिए मजबूर किया जा सके। भारत सरकार ने इसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ एक गंभीर हमला करार दिया है और इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देने की बात की है।

नया खतरा और पाकिस्तान की रणनीति

इस हमले से यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान अपने पुराने आतंकवादी नेटवर्क को फिर से सक्रिय कर रहा है, खासकर कश्मीर में। यह हमला यह साबित करता है कि पाकिस्तान ने अपने आतंकवादी संगठनों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है, जो कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन घटनाओं से यह भी स्पष्ट है कि पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के अपने पुराने तरीके को बनाए हुए है।

आतंकवाद का वैश्विक नेटवर्क

इस घटना के माध्यम से अब यह भी साफ हो गया है कि आतंकवाद अब सिर्फ स्थानीय समस्याओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा बन चुका है। पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित और समर्थित आतंकवादी संगठन भारत के खिलाफ अपनी घृणित योजनाओं को अंजाम दे रहे हैं, और यही हालात भविष्य में भी बिगड़ सकते हैं। इससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें अपने गुप्तचर तंत्र को और भी मजबूत करना होगा ताकि इन तरह की साजिशों को पहले ही रोका जा सके।

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