CM नीतीश कुमार की यात्रा को तेजस्वी यादव ने बताया ‘राजनीतिक पर्यटन’, मांगे इन 13 सवालों के जवाब

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि प्रगति यात्रा पर निकलने से पहले मुख्यमंत्री जनता को बताएं कि अबतक की उनकी यात्राओं से राज्य को क्या लाभ मिला। वह जनता से इस सच के लिए क्षमा मांगे कि उनके 20 वर्षों के शासन में भी प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार दूसरे राज्यों से बहुत पीछे है। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सीएम नीतीश कुमार से 13 सवालों के जवाब भी मांगे हैं।

तेजस्वी यादव ने X पर पोस्ट कर मांगे CM नीतीश कुमार से जवाब

तेजस्वी ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री राजनीतिक पर्यटन यात्रा पर निकलते हैं। उनकी यात्राओं पर दो अरब 25 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। बिहार मानव विकास और नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक के हर मापदंड में सबसे पीछे है।

  • राज्य के 36 प्रतिशत स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है।
  • 5681 सरकारी स्कूलों के पास अपना भवन नहीं है।
  • 62 प्रतिशत प्राथमिक और 20 प्रतिशत माध्यमिक विद्यालयों के परिसरों की चारदीवारी नहीं है।
  • तेजस्वी ने कहा कि बिहार के थानों व कार्यालयों में रिश्वतखोरी एवं अफसरशाही क्यों है?
  • जिला मुख्यालय से बाहर निकलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह जानने की कोशिश क्यों नहीं की?

तेजस्वी ने कहा कि सीएम ने जब यात्राएं शुरू नहीं की थी तब बिहार में चीनी मिलें चलती थी, लेकिन यात्रा शुरू करने के बाद चीनी मिलें बंद हो गईं।

हम 17 महीने सरकार में आए तो राजद कोटे के गन्ना और उद्योग मंत्रियों ने मिलकर रीगा चीनी मिल शुरू कराने का कैबिनेट से निर्णय पास कराया। इतने वर्षों में नीतीश कुमार यह काम नहीं पाए। 17 वर्षों तक मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों को यह नहीं पता चला कि विभिन्न विभागों में 10 लाख पद रिक्त थे।

मंगल पांडेय ने कहा- यात्रा से राजद बेचैन

एक ओर जहां विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सीएम नीतीश कुमार की यात्रा पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रस्तावित यात्रा से राजद में डर व बेचैनी है। हताशा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री की यात्रा पर कटाक्ष करते हुए प्रश्न पूछ रहे हैं।

पांडेय ने कहा कि दरअसल, अगंभीर राजनेता की छवि बना चुके तेजस्वी यादव के बकवास आरोपों से बिहार की जनता ऊब चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डबल इंजन की एनडीए सरकार पर आरोप लगाने से पहले तेजस्वी को अपने माता-पिता के शासनकाल को याद करना चाहिए।
सच्चाई ये है कि तेजस्वी यादव राजद के खिसकते जनाधार से परेशान हैं। उन्हें आगामी चुनाव में हार का डर सता रहा है। विगत दिनों विधानसभा की चार सीटों के लिए हुए उपचुनाव में राजद को अपनी असलियत का अंदाजा हो चुका है।
उन्होंने कहा कि निराशा में घिरे नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का कोई मतलब नहीं है। सुशासन व विकास से गदगद बिहार की जनता राजद के तिकड़म में फंसने वाली नहीं है।

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