गर्भावस्था के आठवें महीने में क्या होता है? | विस्तार से जानें

What happens in the eighth month of pregnancy?

What happens in the eighth month of pregnancy? | Know in detail

गर्भावस्था का आठवां महीना तीसरे तिमाही का महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय शिशु का विकास तेजी से हो रहा होता है और वह जन्म के लिए लगभग तैयार हो चुका होता है। इस महीने में आप भी गर्भावस्था के कई लक्षण और बदलाव महसूस कर सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि गर्भावस्था के आठवें महीने में क्या-क्या होता है।

 

 गर्भावस्था के आठवें महीने के विभिन्न चरण:

  1. शिशु का विकास (Fetal Development):

आठवें महीने में शिशु का आकार लगभग 16-18 इंच लंबा और वजन लगभग 1800-2500 ग्राम होता है। शिशु का शरीर अब पूरी तरह से गोल और मोटा दिखने लगता है।

  1. अंगों और प्रणालियों का विकास (Development of Organs and Systems):

फेफड़े: फेफड़े अब पूरी तरह से विकसित हो चुके होते हैं, लेकिन वे अभी भी पूरी तरह से कार्य करने के लिए तैयार नहीं होते।

मस्तिष्क: मस्तिष्क की वृद्धि जारी रहती है और तंत्रिकाएँ अधिक जटिल हो जाती हैं। शिशु अब जागरूकता और सपनों का अनुभव कर सकता है।

आँखें: शिशु अब पलकें झपका सकता है और रोशनी और अंधेरे के बीच अंतर कर सकता है।

श्रवण: शिशु के कान पूरी तरह से विकसित हो चुके होते हैं और वह अब आपकी आवाज़ और बाहरी ध्वनियों को सुन सकता है।

त्वचा: शिशु की त्वचा अब पहले से मोटी हो चुकी होती है और उसके नीचे वसा जमा हो चुकी होती है, जिससे शिशु का शरीर नरम और मुलायम हो जाता है।

  1. शिशु की गतिविधियाँ (Fetal Movements):

आठवें महीने में, शिशु की हलचलें और किक्स अधिक मजबूत और स्पष्ट हो सकती हैं। यह गतिविधियाँ शिशु के बढ़ते हुए अंगों और मांसपेशियों के विकास का संकेत होती हैं।

 

 शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन:

  1. पेट का बढ़ना:

गर्भाशय का आकार बढ़ रहा होता है, जिससे आपका पेट अधिक स्पष्ट रूप से बाहर की ओर दिखने लगता है।

  1. वजन बढ़ना:

आठवें महीने में आपका वजन बढ़ना स्वाभाविक है, क्योंकि शिशु और गर्भाशय का आकार बढ़ रहा होता है।

  1. बैक पेन और कूल्हों में दर्द:

गर्भाशय के बढ़ने और वजन बढ़ने के कारण पीठ और कूल्हों में दर्द हो सकता है।

  1. सांस लेने में कठिनाई:

गर्भाशय के बढ़ते आकार के कारण फेफड़ों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

  1. मूड स्विंग्स:

हार्मोनल बदलावों के कारण मूड स्विंग्स हो सकते हैं। आप खुशी, चिंता, उत्साह और डर जैसी भावनाओं का अनुभव कर सकती हैं।

  1. नींद में परेशानी:

बढ़ते पेट और पीठ दर्द के कारण आपको सोने में परेशानी हो सकती है।

 

 देखभाल और सुझाव:

  1. पौष्टिक आहार:

संतुलित और पौष्टिक आहार लें, जिसमें फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, और प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व शामिल हों। हरी सब्जियाँ, फल, दूध और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें।

  1. हाइड्रेशन:

दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखेगा और आपको ऊर्जा देगा।

  1. नियमित व्यायाम:

हल्का व्यायाम करें जैसे वॉकिंग, योग या प्रेग्नेंसी स्पेशल एक्सरसाइज। इससे आपके शरीर को फिट और स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।

  1. पर्याप्त आराम:

पर्याप्त आराम और नींद लें। यह आपके शरीर को पुनः ऊर्जा प्राप्त करने और स्वस्थ रहने में मदद करेगा।

  1. प्रसवपूर्व जांच:

आठवें महीने में आपकी नियमित प्रसवपूर्व जांच (प्रेनाटल चेकअप) हो सकती है। इसमें अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचें शामिल हो सकती हैं जो आपके और आपके शिशु के स्वास्थ्य की स्थिति को दर्शाती हैं।

  1. भावनात्मक समर्थन:

अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएँ और उनसे भावनात्मक समर्थन प्राप्त करें। अगर आपको तनाव या चिंता हो रही है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

  1. जन्म की तैयारी:

यह समय अपने शिशु के आगमन की तैयारी का भी होता है। अस्पताल की बैग तैयार करें, शिशु के लिए आवश्यक सामान जुटाएँ, और प्रसव की जानकारी प्राप्त करें।

 

 निष्कर्ष:

गर्भावस्था का आठवाँ महीना आपके और आपके शिशु के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, और सही देखभाल को अपनाना चाहिए। अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और उनकी सलाह का पालन करें। इस विशेष समय का आनंद लें और अपनी गर्भावस्था यात्रा को सुखद और स्वस्थ बनाएं।

स्वस्थ और खुशहाल गर्भावस्था की शुभकामनाओं के साथ!

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