नारायण मूर्ति से भी आगे हैं AMD की सीईओ, जानिए कर्मचारियों से कैसे कराती हैं काम

इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति पिछले काफी समय से वर्क कल्चर से जुड़े बयानों के चलते चर्चा में हैं। उनका मानना है कि कर्मचारियों को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। तभी भारत तरक्की कर पाएगा और विकसित अर्थव्यवस्थाओं का मुकाबला कर पाएगा। इस तरह के वर्क कल्चर के बारे में सोचने वाले इकलौती कारोबारी शख्सियत नहीं हैं।
अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एडवांस्ड माइक्रो डिवाइस (AMD) की सीईओ लिसा सू (Lisa Su) की भी कुछ ऐसी ही सोच है। लिसा कथित तौर पर वीकेंड मीटिंग करती हैं यानी कर्मचारियों को शनिवार-रविवार जैसी छुट्टी के दिनों पर भी एक्टिव रहना पड़ता है। लिसा अमूमन कर्मचारियों से अमूमन देर रात को भी बात करती हैं, उन्हें दिशानिर्देश देती हैं।

कौन हैं लिसा सु (Lisa Su)

55 साल की लिसा सू रिश्ते में एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग की चचेरी बहन हैं। लिसा 210 बिलियन डॉलर की AMD की टॉप पोजिशन पर हैं। वह अपनी टीम से काम के प्रति जैसी प्रतिबद्धता चाहती हैं, उससे हर कोई हैरान है। हालांकि, लिसा का मानना है कि इस कठोर शेड्यूल से कंपनी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की झलक मिलती है। इससे कंपनियों को अपनी काम करने की क्षमता बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।

लिसा ने बेहतर किया AMD का प्रदर्शन

लिसा साल 2014 में AMD की सीईओ बनीं। उनकी अगुआई में कंपनी का प्रदर्शन काफी बेहतर हुआ है। उन्हें करीब से जानने वालों का कहना है कि लिसा महत्वाकांक्षा और अनुशासन पर जोर देती हैं, जिसकी वजह से AMD को कामयाबी मिली है। पिछले एक दशक में AMD के शेयरों में 50 गुना वृद्धि हुई है। लिसा की अगुआई में AMD टेक इंडस्ट्री में बड़ी ताकत बना। उसने मार्केट कैप के लिहाज से दिग्गज इंटेल और एनवीडिया के साथ अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

सीईओ ऑफ द ईयर चुनी जा चुकी हैं लिसा

लिसा को हाल ही में प्रतिष्ठित मैगजीन टाइम ने 2024 की सीईओ ऑफ द ईयर चुना था। उन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने के बाद कहा, “मुझे नहीं लगता कि नेता पैदा होते हैं। मेरा मानना है कि उन्हें ट्रेन किया जाता है।’ लिसा ने कर्मचारियों को ऐसा वर्क कल्चर दिया है, जिसमें वीकेंड पर मीटिंग करना शामिल है।

कर्मचारियों से देर रात तक कई तरह के काम पूरे करने की उम्मीद की जाती है। मैनेजमेंट को आधी रात को भेजे जाने वाले मॉर्निंग कॉल दस्तावेजों का विश्लेषण करना होता है और उस दौरान बारीकियों पर ध्यान देना होता है।

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