क्या नींद में बड़बड़ाता है आपका बच्चा? इस मानसिक बीमारी से तो नहीं जूझ रहा? जानें स्लीप टॉक की वजह, तुरंत करें ये उपाय
अक्सर कई बच्चे नींद में बड़बड़ाने लगते हैं और चौंककर बैठकर बैठ जाते हैं. ऐसी नींद की समस्या बड़ों में भी देखने को मिलती है. आइए जानते हैं कि बच्चे नींद में क्यों बोलने लगते हैं और ये खतरनाक लक्षण है या नहीं.
हाइलाइट्स:
– यह एक नींद संबंधी विकार है जिसे सोम्निलोक्वी के नाम से जाना जाता है.
– बच्चों और टीन एजर में नींद में बात करने के लक्षण काफी देखने को मिलते हैं.
– बच्चों में स्लीप टॉक काफी कॉमन है जो उम्र बढ़ने के साथ घटती चली जाती है.
रागिनी को इस बात की चिंता है कि उसका 6 साल का बच्चा आजकल सोते हुए नींद में किसी से बातें करने लगता है. हालांकि उसकी बातें समझ नहीं आतीं, लेकिन अक्सर ही वह ऐसा करता है. बच्चों में ऐसे लक्षण काफी कॉमन हैं. इस समस्या का मुख्य कारण जेनेटिक हो सकता है और अगर बच्चा तनाव या डिप्रेशन से जूझ रहा हो, तो यह समस्या और भी बढ़ सकती है.
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क्या है वजह:
हेल्थलाइन के मुताबिक, स्लीप टॉकिंग जेनेटिक भी होता है और अगर आप या आपका पार्टनर नींद में बातें करता है तो हो सकता है कि बच्चे में भी यह लक्षण देखने को मिले. खासतौर पर अगर बच्चा बीमार है, किसी तरह का तनाव झेल रहा है, डिप्रेशन जैसे लक्षण उसमें दिख रहे हैं या उसे नींद न आने की समस्या है, तो वह स्लीप टॉकिंग की समस्या भी उत्पन्न कर सकती है.
क्या करें:
राइजिंग चिल्ड्रन के अनुसार, अगर आपका बच्चा रात के वक्त सोते हुए बात करता है तो इसकी वजह स्कूल में परीक्षा, किसी तरह की परेशानी, डर या स्ट्रेस हो सकता है. ऐसे में आप उस विषय पर बच्चे से दिन के वक्त बात करें और उसकी परेशानी को दूर करने का प्रयास करें. जब आप बच्चे की बेचैनी को शांत कर देंगे और उसे सपोर्ट करेंगे तो उनका तनाव कम होगा और वह स्लीप टॉकिंग की समस्या से भी निपट पाएगा।