वॉट्सऐप ने शुक्रवार (20 दिसंबर) की देर रात विवादास्पद पेगासस स्पाइवेयर के पीछे की इजरायली कंपनी NSO ग्रुप टेक्नोलॉजीज के खिलाफ एक बड़ी कानूनी जीत हासिल कर ली है। ये फैसला 2019 में अमेरिका में मेटा के मैसेजिंग ऐप द्वारा दायर एक हाई-प्रोफाइल मुकदमे में एक बड़ा माइलस्टोन है।
मुकदमे में एनएसओ ग्रुप पर मई 2019 में दो हफ्ते के पीरियड के दौरान पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों सहित 1,400 व्यक्तियों के फोन को इन्फेक्ट करने और निगरानी करने के लिए पेगासस के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। अपनी आक्रामक क्षमताओं के लिए कुख्यात इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल वॉट्सऐप के जरिए टारगेट्स से संवेदनशील डेटा निकालने के लिए किया गया था।
जज ने वॉट्सऐप के पक्ष में फैसला सुनायाअमेरिकी जिला जज फिलिस हैमिल्टन ने वॉट्सऐप के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें पाया गया कि एनएसओ ग्रुप ने राज्य और संघीय हैकिंग कानूनों के साथ-साथ वॉट्सऐप की सेवा शर्तों का भी उल्लंघन किया है। अदालत ने ये भी निर्धारित किया कि एनएसओ ग्रुप ने अमेरिकी कंप्यूटर धोखाधड़ी और दुरुपयोग अधिनियम का उल्लंघन किया है, जो स्पाइवेयर मेकर के लिए एक बड़ा झटका है।
अपने फैसले में हैमिल्टन ने कहा कि एनएसओ ग्रुप ने वॉट्सऐप को स्पाइवेयर का सोर्स कोड न देकर कानूनी प्रक्रिया में बाधा पैदा की है, जबकि उसे 2024 की शुरुआत तक ऐसा करने का आदेश दिया गया था। इसकी जगह, कंपनी ने कोड को केवल इजरायल में ही उपलब्ध कराया और इसके रिव्यू को इज़रायली नागरिकों तक सीमित कर दिया। ये एक ऐसी स्थिति जिसे जज ने ‘बिल्कुल अव्यवहारिक’ कहा।
एनएसओ ग्रुप को अब मार्च 2025 में जूरी ट्रायल का सामना करना पड़ेगा, ताकि वॉट्सऐप को दिए जाने वाले हर्जाने का फैसला किया जा सके।
जांच के दायरे में पेगासस और एनएसओ ग्रुप
एनएसओ ग्रुप ने लंबे समय से दावा किया है कि उसके स्पाइवेयर का इस्तेमाल केवल सरकारी क्लाइंट ही राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए करते हैं। हालांकि, मामले में दाखिल दस्तावेजों से इसके विपरीत बातें सामने आईं। अदालत को इस बात के सबूत मिले कि एनएसओ ग्रुप ने सीधे पेगासस को ऑपरेट किया, स्पाइवेयर इंस्टॉल किया और डेटा निकाला, जिसमें वॉट्सऐप और iPhone दोनों से फोटो, ईमेल और टेक्स्ट शामिल थे।