पाकिस्तान के कब्जे में BSF जवान पूर्णम साव: प्रेग्नेंट पत्नी का बड़ा बयान, ‘चुप नहीं रहूंगी, पति को वापस लाए सरकार’
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव पाकिस्तान के कब्जे में आ गए हैं। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और इस मामले ने भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच, पूर्णम साव की गर्भवती पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए सरकार से अपील की है कि वह चुप नहीं रहेंगी और अपने पति को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।
पाहलगाम आतंकी हमला और BSF जवान का पाकिस्तान में फंसा होना
पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव समेत कुछ और सुरक्षा अधिकारी घायल हुए थे। यह हमला पाकिस्तान के सीमा से लगे इलाके में हुआ था, और सुरक्षा बलों को इस हमले के बाद पता चला कि पूर्णम कुमार साव पाकिस्तान के कब्जे में हैं। यह घटना पूरे देश के लिए चौंकाने वाली है, और कई लोग इस घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों को कब्जे में लेना क्या आगामी कूटनीतिक संबंधों को और तनावपूर्ण बना सकता है।
पूर्णम साव की पत्नी का दर्दनाक बयान
पूर्णम कुमार साव की पत्नी, जो इस समय गर्भवती हैं, ने मीडिया के सामने अपनी स्थिति का बयान देते हुए कहा कि उनका जीवन इस समय काफी कठिन हो गया है। उन्होंने कहा, “मुझे अपने पति की बहुत चिंता है, और मैं चाहती हूं कि वह जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लौटें।” उनका कहना था, “मैं चुप नहीं रहूंगी, और जितना हो सके, मैं अपने पति को वापस लाने के लिए संघर्ष करूंगी। सरकार से मेरी बस यही अपील है कि वे मेरे पति को जल्दी से पाकिस्तान से सुरक्षित बाहर लाएं।”
उनकी पत्नी ने यह भी कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार उनके पति को जल्द ही सुरक्षित घर वापस लाएगी। उनके लिए यह स्थिति और भी कठिन हो गई है क्योंकि वह प्रेग्नेंट हैं और अकेले अपने बच्चे का पालन-पोषण करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनका कहना था कि यह उनका अधिकार है कि उनके पति को वापस लाया जाए, और इस संघर्ष में वह पूरी तरह से सरकार के साथ हैं।
भारत सरकार के पास क्या हैं विकल्प?
अब सवाल यह उठता है कि भारत सरकार के पास इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए क्या विकल्प हैं। पाकिस्तान द्वारा भारतीय नागरिकों को कब्जे में लेना हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, और इस बार भी यह सवाल सामने आया है कि भारत सरकार इस स्थिति का समाधान कैसे निकालेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि कूटनीतिक प्रयास इस मामले में सबसे प्रभावी हो सकते हैं। भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए, ताकि उन सैनिकों और नागरिकों को जो पाकिस्तान के कब्जे में हैं, उन्हें जल्द से जल्द वापस लाया जा सके। हालांकि, अगर पाकिस्तान अपनी जिद पर अड़ा रहता है और कूटनीतिक तरीके से हल नहीं निकलता, तो भारत को अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए भी मजबूर होना पड़ सकता है।
भारत की सरकार को इस मामले को पूरी गंभीरता से लेना होगा, क्योंकि यह केवल एक सैनिक का मामला नहीं है, बल्कि इससे हमारे सुरक्षा बलों की सुरक्षा और उनके परिवारों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर असर
यह घटना दोनों देशों के रिश्तों पर एक गहरा असर डाल सकती है। भारतीय नागरिकों और सैनिकों के खिलाफ पाकिस्तान के इस कदम से दोनों देशों के बीच पहले से चल रहे तनाव में और इजाफा हो सकता है। इस समय, जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव पहले से था, ऐसे मामलों का सार्वजनिक हो जाना दोनों देशों के बीच कूटनीतिक माहौल को और बिगाड़ सकता है।
क्या हो सकता है आगे?
अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। क्या वह पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संवाद को आगे बढ़ाएगी, या फिर कुछ और कड़े कदम उठाने की योजना बनाएगी? इस संकट का समाधान जल्द से जल्द निकलने की जरूरत है, क्योंकि एक सैनिक का परिवार संकट में है और पूरे देश की निगाहें अब इस पर टिकी हुई हैं।
इस मामले ने हमें यह भी याद दिलाया कि हमारे जवान सीमा पर अपनी जान जोखिम में डालते हैं, और कभी-कभी ऐसे घटनाक्रम होते हैं जो हमारे सैनिकों और उनके परिवारों के लिए बहुत कठिनाइयों का कारण बनते हैं।
निष्कर्ष
पूर्णम कुमार साव के पाकिस्तान द्वारा कब्जे में लिए जाने की घटना एक गंभीर संकट को जन्म देती है। यह सिर्फ एक सैनिक का मामला नहीं है, बल्कि यह एक परिवार, और साथ ही देश की सुरक्षा की भी बात है। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे को तुरंत हल करने के लिए प्रभावी कदम उठाए और हमारे सैनिकों को सुरक्षित घर वापस लाए।
पूर्णम साव की पत्नी का संघर्ष और उनका मजबूत बयान यह दर्शाता है कि उनके लिए यह केवल एक परिवार की बात नहीं है, बल्कि एक देश की रक्षा का भी मामला है। यह घटना एक संकेत है कि सरकार को ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
🔹 प्रमुख बिंदु:
बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव पाकिस्तान के कब्जे में हैं।
पत्नी ने सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द उनके पति को वापस लाए।
पाकिस्तान से जवान को सुरक्षित वापस लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास की आवश्यकता।
निष्कर्ष:
यह एक संवेदनशील मामला है, जिसमें सरकार का कूटनीतिक दृष्टिकोण और शीघ्रता से कार्रवाई करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बीएसएफ जवान की पत्नी का बयान और संघर्ष यह दिखाता है कि कैसे एक परिवार और समाज की भावनाएं एक साथ जुड़ी होती हैं जब किसी सैनिक को सीमा पार संकट का सामना करना पड़ता है।


