विजय मौर्य, लुधियाना।
मन में मेडल की आस तो थी, पर चेहरा उदास था। ठहरने का इंतजाम तो दूर बैठने के लिए बेंच तक नहीं मिले। कुछ ऐसी ही परेशानी में दिखे जमीन पर खेल की किट्स रख इंतजार कर रहे 68वीं नेशनल गेम्स में शामिल होने पहुंचे खिलाड़ी। पीएयू सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बुधवार से शुरू हो रही नेशनल स्कूल गेम्स से पहले अव्यवस्था का आलम दिखा। खेल की तैयारी पूरी है, लेकिन इंतजाम आधे-अधूरे हैं।
खिलाड़ियों के खाने-पीने का कोई प्रबंध नहीं
यहीं नहीं, गेम्स में भाग लेने पहुंचे खिलाड़ियों के खाने-पीने का भी कोई प्रबंध नहीं था। पहले दिन पहुंचे खिलाड़ियों का दर्द सुन आप दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे।स्कूल में अलग-अलग राज्यों से आने वाली टीमों के लिए रजिस्ट्रेशन व आईडी देने के लिए मुख्य कार्यालय कैंप ऑफिस तो बना है, लेकिन जानकारी देने वाला कोई नहीं दिखा।जानकारी लेने के लिए न तो कहीं दिशासूचक बोर्ड था, न ही कोई मोबाइल नंबर दिया गया था। जब दूसरे राज्यों से बसों के जरिये खिलाड़ी यहां पहुंचे तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
चिप्स खाकर खिलाड़ियों ने मिटाए भूख
कोच व मैनेजर खिलाड़ियों के साथ खेल आयोजन के मुख्य अधिकारी के कार्यालय तक तो पहुंचे पर वहां बैठने के लिए प्रबंध नहीं था। उत्तराखंड से आए खिलाड़ियों ने बताया कि वह सुबह लुधियाना पहुंच गए थे। नाश्ता तो मिला, पर दोपहर का भोजन नहीं मिला। चंडीगढ से आई टीम के सदस्यों ने बताया खाने के लिए कुछ नहीं मिला। घर से चिप्स लाए थे, वही खाकर भूख शांत की।
खिलाड़ियों से ही करवाया गया ये काम
हैरानी की बात यह दिखी कि बुधवार को स्कूल गेम्स शुरू होनी है और मंगलवार दोपहर तक नेटबाल गेम्स के लिए कोर्ट तैयार किया जा रहा था। कोर्ट पर मिट्टी डालने काम भी खिलाड़ियों से ही करवाया गया।खिलाड़ियों ने ही चूना डालकर कोर्ट तैयार किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने बड़े आयोजन को लेकर अधिकारी कितने गंभीर हैं।
शौचालय साफ नहीं, पानी पीने वाली जगह पर भी गंदगी
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कई राज्यों से सैंकड़ों खिलाड़ी पहुंचे हैं। यहां शौचालय में गंदगी के कारण खड़ा होना मुश्किल था। पानी पीने वाली जगह पर सबसे ज्यादा गंदगी दिखी पर मजबूर खिलाड़ी यहीं से पानी पी रहे थे।
डिप्टी डीइओ बोले, तैयारी पूरी, नहीं आने देंगे कोई परेशानी
शिक्षा विभाग की डिप्टी डीइओ डिंपल मदान ने बताया कि सोमवार को पहला दिन था। तैयारी पूरी है। खाने, पीने व रहने का भी पूरा इंतजाम है। स्टाफ व अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है।