मार्क कार्नी बने कनाडा के नए प्रधानमंत्री, बिना चुनाव लड़े रचा इतिहास
कनाडा में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। बिना कोई चुनाव लड़े और बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के मार्क कार्नी देश के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। 59 वर्षीय मार्क कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में जीत हासिल कर जस्टिन ट्रूडो की जगह ली। उनकी यह जीत ऐसे समय आई है जब अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार युद्ध चरम पर है और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने के बयान ने कनाडाई नागरिकों को आक्रोशित कर दिया है।
अमेरिका को सख्त संदेश
मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद अमेरिका को कड़ा संदेश देते हुए कहा—
“अमेरिकियों को कोई गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए। जैसे हॉकी में कनाडा जीतता है, वैसे ही व्यापार में भी कनाडा ही जीतेगा।”
उनका यह बयान साफ दर्शाता है कि वे ट्रंप की नीतियों का खुलकर विरोध करेंगे और कनाडा की आर्थिक संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार हैं।
बैंकिंग से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर
मार्क कार्नी का राजनीति में कोई लंबा अनुभव नहीं है, लेकिन वे आर्थिक नीतियों और वैश्विक वित्तीय प्रबंधन में माहिर हैं। वे पहले कनाडा के सेंट्रल बैंक और ब्रिटेन के बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं।
- 2008 की वैश्विक मंदी के दौरान, जब पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही थी, कार्नी ने कनाडा की अर्थव्यवस्था को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
- उनकी आर्थिक नीतियों ने कनाडा को मंदी के चक्र से सबसे पहले बाहर निकाला, जिससे उन्हें “दुनिया को बचाने वाला कनाडाई” कहा गया।
- उनकी शानदार नीतियों के कारण 2013 में ब्रिटेन ने उन्हें अपना केंद्रीय बैंक गवर्नर नियुक्त किया, जो 1694 में बैंक ऑफ इंग्लैंड की स्थापना के बाद पहली बार किसी गैर-ब्रिटिश नागरिक के लिए हुआ था।
कनाडा में चुनावी हलचल तेज
मार्क कार्नी की अगली बड़ी चुनौती आम चुनाव होंगे। वे अभी तक किसी संसदीय सीट से सांसद नहीं हैं, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि वे जल्द ही हाउस ऑफ कॉमन्स में अपनी सीट के लिए चुनाव लड़ेंगे। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद कनाडा में जल्द चुनाव की घोषणा हो सकती है, जहां वे अपनी लोकप्रियता और आर्थिक विशेषज्ञता के दम पर जनता का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे।
कैसे जीते मार्क कार्नी?
मार्क कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में चार दावेदारों को हराया, जिनमें शामिल थे—
- पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड
- पूर्व कैबिनेट मंत्री करीना गोल्ड
- व्यवसायी और पूर्व सांसद फ्रैंक बेलिस
इस चुनाव में 151,899 लिबरल पार्टी समर्थकों ने मतदान किया, जिसमें 85.9% वोटों के साथ कार्नी को भारी जीत मिली।
क्या कनाडा की राजनीति में नया युग आएगा?
मार्क कार्नी की जीत को कनाडा की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। वे एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति होते हुए भी अपनी आर्थिक विशेषज्ञता और वैश्विक कूटनीतिक दृष्टिकोण के कारण जनता का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि वे आम चुनावों में अपनी लोकप्रियता बरकरार रख पाते हैं या नहीं।
क्या कनाडा का नया नेतृत्व अमेरिका को कड़ा जवाब देगा? क्या कार्नी की आर्थिक नीतियां कनाडा को और मजबूत बनाएंगी? यह सब आने वाले समय में तय होगा।




