मेरठ मर्डर केस: मुस्कान के होने वाले बच्चे को गोद लेगा सौरभ का भाई, लेकिन रखी ये शर्तें

मेरठ मर्डर केस: मुस्कान के होने वाले बच्चे को गोद लेगा सौरभ का भाई, लेकिन रखी ये शर्तें

मेरठ मर्डर केस: मुस्कान के होने वाले बच्चे को गोद लेगा सौरभ का भाई, लेकिन रखी ये शर्तें

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हाल ही में सामने आए एक दिल दहला देने वाले मर्डर केस ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। मामला सौरभ राजपूत की हत्या से जुड़ा है, जिसमें उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला को आरोपी बनाया गया है। लेकिन इस केस में अब एक भावनात्मक मोड़ तब आया जब खुलासा हुआ कि मुस्कान गर्भवती है।

सौरभ की हत्या का मामला क्या है?

सौरभ राजपूत और मुस्कान रस्तोगी की शादी 2021 में हुई थी। शुरुआत में यह शादी खुशहाल मानी जा रही थी क्योंकि यह प्रेम विवाह था, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के रिश्तों में दरारें आने लगीं। कहा जा रहा है कि मुस्कान का अपने ही कॉलेज फ्रेंड साहिल शुक्ला से प्रेम संबंध था, और सौरभ को इसकी भनक लग चुकी थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते थे।

7 मार्च 2024 की रात को सौरभ की हत्या कर दी गई। आरोप है कि मुस्कान और साहिल ने मिलकर सौरभ की हत्या कर शव के टुकड़े एक ड्रम में डालकर सीमेंट में बंद कर दिए। पुलिस को यह ड्रम सौरभ के घर के पीछे से बरामद हुआ। मामले में दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।


गर्भवती मुस्कान, और बच्चे की कस्टडी का मुद्दा

जब मुस्कान को जेल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया, तब डॉक्टरों ने बताया कि वह दो महीने की गर्भवती है। यह खबर सामने आते ही सौरभ के परिवार में एक नई बहस छिड़ गई। सौरभ के बड़े भाई राहुल उर्फ बबलू ने मीडिया को बताया कि वे इस बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कुछ शर्तें भी रखीं:

  1. कानूनी प्रक्रिया का पालन: बच्चा मुस्कान के जेल में रहते हुए जन्म लेगा, ऐसे में उसे गोद लेने के लिए अदालत की अनुमति ली जाएगी।

  2. बच्चे का नामकरण: राहुल ने कहा कि बच्चे का नाम वे सौरभ की स्मृति में रखेंगे और उसे सौरभ की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार करेंगे।

  3. मुस्कान से कोई संपर्क नहीं: उन्होंने साफ कहा कि बच्चा मुस्कान से किसी भी तरह का संपर्क नहीं रखेगा, क्योंकि उन्होंने जो अपराध किया है, उसके बाद उनके लिए परिवार में कोई जगह नहीं है।


मां रेनू का भावुक बयान

सौरभ की मां रेनू राजपूत ने एक भावुक बयान में कहा कि, “बेटा तो चला गया, लेकिन उसके खून का कोई हिस्सा इस दुनिया में आएगा, ये सोचकर ही दिल थोड़ा संभलता है। हम उस बच्चे को अपना लेंगे, लेकिन उसकी मां से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनका बेटा बहुत सरल और सीधा था। शादी के बाद वह पूरी कोशिश करता रहा कि रिश्ता ठीक रहे, लेकिन मुस्कान ने धोखा दिया।


साहिल की भूमिका और जांच की प्रगति

साहिल शुक्ला इस केस में मुख्य आरोपी है। पुलिस ने उसके मोबाइल की लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और चैट्स के आधार पर उसे गिरफ्तार किया। ये सभी साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि सौरभ की हत्या में साहिल की योजना थी और मुस्कान ने उसका पूरा साथ दिया।

पुलिस इस केस को “क्रिमिनल कांस्पिरेसी” यानी आपराधिक साजिश की धारा में चलाने की तैयारी कर रही है। इसमें हत्या के साथ-साथ शव को छुपाने, साक्ष्य मिटाने और धोखाधड़ी जैसी धाराएं जोड़ी गई हैं।


कानूनी विशेषज्ञों की राय

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई महिला जेल में गर्भवती है और वह जन्म देती है, तो नवजात को उसके साथ रखने की अनुमति कुछ समय तक होती है (अक्सर 6 साल की उम्र तक)। लेकिन यदि कोई विश्वसनीय संरक्षक सामने आता है और वह बच्चे के भविष्य की जिम्मेदारी लेने को तैयार है, तो अदालत बच्चे के हित में निर्णय ले सकती है।

राहुल का कहना है कि वे अदालत से गुहार लगाएंगे कि बच्चे को जल्द से जल्द उन्हें सौंपा जाए ताकि उसका सही विकास हो सके।


समाज में उठते सवाल

इस मामले ने पूरे समाज में गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं:

  • क्या प्रेम विवाह में भी इतनी घृणा आ सकती है?

  • क्या किसी महिला का मां बनना उसके अपराध को कम कर देता है?

  • उस बच्चे का भविष्य क्या होगा जो एक हत्यारोपिता मां के गर्भ से जन्म लेगा?

इन सवालों ने पूरे शहर को भावनात्मक रूप से झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग मुस्कान के लिए कठोर सजा की मांग कर रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि बच्चे को एक नया जीवन मिलना चाहिए।


निष्कर्ष

सौरभ राजपूत की हत्या केवल एक व्यक्ति की जान नहीं गई, बल्कि एक पूरे परिवार की जिंदगी बदल गई। मुस्कान की गर्भावस्था और बच्चे की कस्टडी ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। सौरभ का परिवार अब अपने खोए हुए बेटे की आखिरी निशानी को बचाने और उसे एक नई दिशा देने की कोशिश में जुटा है।

कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से यह केस आने वाले दिनों में और गहराएगा। लेकिन एक बात साफ है — इस बच्चे का भविष्य अब अदालत और समाज की संवेदनशीलता पर निर्भर करेगा।

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