दिल को छूने वाली इमोशनल कहानी
फिल्म वनवास एक मानसिक तौर परेशान बुजुर्ग पिता दीपक त्यागी (नाना पाटेकर) की कहानी है। वह अपने परिवार से बेहद प्यार करता है, लेकिन उसके कलयुगी बहू और बेटे उससे छुटकारा पाना चाहते हैं और उसे बनारस में छोड़कर चले जाते हैं। परिवार को खोजते हुए दीपक बनारस के गंगा घाटों पर भटकता है, जहां उसकी मुलाकत चुलबुले अंदाज वाले मस्तमौला लड़के वीरू (उत्कर्ष शर्मा) से होती है।वीरू और दीपक की दोस्ती कैसी होती है। वीरू दीपक की भावुक कहानी सुनकर उसे उसके घर-फैमिली के पास वापस ले जाने की हर संभव कोशिश करता है। जिसमें उनकी मदद के लिए महिला रिपोर्टर मीना (सिमरत कौर) भी अपना योगदान देती हैं।
अब क्या वीरू दीपक त्यागी को उसके परिवार से मिलाने में कामयाब होता है या नहीं तो उसके लिए आपको फिल्म वनवास को देखना पड़ेगा। कुल मिलाकर कहा जाए तो ये एक शानदार मूवी है और आज के समाज को आइना दिखाती है कि कैसे लोग अपने आराम के लिए बुजुर्ग माता-पिता को घर से बेघर करत देते हैं।
अनिल शर्मा ने फिर छोड़ी छाप
गदर एक प्रेम कथा, अपने और गदर 2 जैसी कई बेहतरीन फिल्मों को बनाए जाने के लिए निर्देशक अनिल शर्मा को जाना जाता है। जहां आज के समय में बॉलीवुड में एक्शन मूवी का बोलबाला है, वहां अनिल ने एक फैमिली ड्रामा और खास मैसेज देने वाली वनवास को पेश करने का जिगरा दिखाया है। लेखक सुनील सिरवैया ने कंटेंट की नब्ज को समझते हुए एक इमोशनल स्टोरी से फैंस की आंखें नम होने पर भी मजबूर किया है।
नाना पाटेकर की शानदार वापसी
बीते साल द वैक्सीन वॉर में नजर आने वाले नाना पाटेकर ने वनवास के जरिए जोरदार कमबैक किया है। जिस तरह से उन्होंने इस मूवी में अपना किरदार निभाया है, उसे सिर्फ और सिर्फ नाना ही निभा सकते थे। दूसरी और अनिल शर्मा के लाडले उत्कर्ष शर्मा ने एक बार ये साबित किया है कि एक्टिंग का हुनर उनमें कूट-कूट के भरा हुआ है।
इसके अलावा सिमरत कौर ने भी अपने रोल से पूरा न्याय करने की कोशिश की है। जबकि राजपाल यादव, परितोष त्रिपाठी, अश्विनी कलसेकर और केतन सिंह ने साइड रोल में कमाल का काम किया है।