महाबोधि मंदिर में पूजा, रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन और श्रीलंका में ऐतिहासिक सम्मान — पीएम मोदी का यादगार दौरा

महाबोधि मंदिर में पूजा, रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन और श्रीलंका में ऐतिहासिक सम्मान — पीएम मोदी का यादगार दौरा

महाबोधि मंदिर में पूजा, रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन और श्रीलंका में ऐतिहासिक सम्मान — पीएम मोदी का यादगार दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीलंका दौरा ऐतिहासिक बन गया। दौरे के अंतिम दिन उन्होंने एक के बाद एक कई अहम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में नया जोश भर गया। चाहे वो महाबोधि मंदिर में पूजा हो, बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद लेना हो या फिर दो बड़े रेलवे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन — हर पल ने भारत और श्रीलंका की दोस्ती को और मजबूत किया।

अनुराधापुरा में ऐतिहासिक पल

पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने साथ मिलकर बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में शुमार अनुराधापुरा स्थित महाबोधि मंदिर का दौरा किया। यह वही स्थान है जहां भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के वृक्ष की एक शाखा स्थापित है। पीएम मोदी ने वहां विशेष पूजा की और बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद लिया। सफेद पोशाक पहने पीएम मोदी बेहद श्रद्धा से मंदिर परिसर में नजर आए। उनका यह भावनात्मक रूप स्थानीय लोगों और दुनियाभर के बौद्ध समुदाय को भावुक कर गया।

रेलवे कनेक्टिविटी का नया अध्याय

मंदिर दर्शन के बाद, दोनों नेताओं ने भारत की मदद से तैयार दो मेगा रेलवे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया:

  1. महो-अनुराधापुरा रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम
  2. महो से ओमानथाई तक रेलवे लाइन का विस्तार

इन परियोजनाओं का मकसद श्रीलंका के उत्तरी हिस्सों को बाकी देश से बेहतर तरीके से जोड़ना है। भारत द्वारा आर्थिक और तकनीकी मदद से तैयार इन प्रोजेक्ट्स को श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में “गति” और “विश्वास” लाने वाला कदम माना जा रहा है।

मोदी का संदेश — पड़ोसी से बढ़कर परिवार

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, “भारत और श्रीलंका केवल पड़ोसी देश नहीं हैं, बल्कि हमारी आत्माएं जुड़ी हुई हैं। हमारी सभ्यताएं, आस्थाएं और इतिहास हमें एक सूत्र में पिरोते हैं।” उन्होंने श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि भारत हर संकट में उसका सबसे मजबूत साथी बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि भारत की “Neighbourhood First” नीति में श्रीलंका की विशेष भूमिका है और यह सहयोग भविष्य में और गहरा होगा। साथ ही, उन्होंने श्रीलंका के आर्थिक पुनर्निर्माण में भारत की भूमिका को रेखांकित किया।

श्रीलंका ने दिखाया सम्मान

श्रीलंका की सरकार और आम लोगों ने पीएम मोदी का ज़ोरदार स्वागत किया। जगह-जगह भारतीय झंडे लहराते दिखे, और पारंपरिक नृत्यों से प्रधानमंत्री का स्वागत हुआ। राष्ट्रपति दिसानायके ने भी पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह दौरा हमारे रिश्तों के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है। भारत ने हर कठिन समय में हमारा साथ दिया है, और हम उनके इस सहयोग को हमेशा याद रखेंगे।”

सांस्कृतिक रिश्तों में नई ऊर्जा

इस यात्रा में सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक फैसले नहीं हुए, बल्कि सांस्कृतिक सहयोग पर भी फोकस रहा। पीएम मोदी ने श्रीलंका में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का दौरा किया, जहां उन्होंने बच्चों के साथ बातचीत की, और योग व भारतीय संगीत से जुड़ी प्रदर्शनियों को देखा।

क्या बदलेगा इस दौरे से?

  • भारत-श्रीलंका व्यापार को नया बढ़ावा मिलेगा।
  • रेलवे, ऊर्जा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा।
  • बौद्ध पर्यटन को लेकर दोनों देशों में संयुक्त प्रयास होंगे।
  • श्रीलंका में भारत की साख और मजबूत होगी, जिससे चीन के प्रभाव को संतुलित किया जा सकेगा।

अंत में…

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा सिर्फ औपचारिकताओं तक सीमित नहीं था। यह एक भावनात्मक, रणनीतिक और सांस्कृतिक यात्रा थी जिसने दोनों देशों को एक बार फिर ये याद दिलाया — हम सिर्फ पड़ोसी नहीं, साझेदार भी हैं।

यह यात्रा भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना का एक जीवंत उदाहरण बन गई।

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