सीमा हैदर की बेटी को मिली भारतीय नागरिकता: बर्थ सर्टिफिकेट ने बदल दी पहचान
पाकिस्तान से अवैध रूप से भारत आईं सीमा हैदर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनकी नवजात बेटी ‘भारती’, जिसे अब आधिकारिक रूप से भारतीय नागरिक घोषित कर दिया गया है। सीमा के वकील एपी सिंह के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 मार्च 2025 को नोएडा में जन्मी इस बच्ची का बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।
📜 बर्थ सर्टिफिकेट से मिली पहचान, अब भारत की नागरिक
सीमा हैदर की बेटी का नाम ‘भारती मीणा’ रखा गया है, जिसका अर्थ वकील के अनुसार ‘मीरा’ है। जन्म प्रमाणपत्र जारी होने के बाद यह बच्ची अब तकनीकी रूप से भारत की नागरिक मानी जाएगी। यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं, भावनात्मक और मानवीय आधार पर भी बड़ा मुद्दा बन गया है।
🙏 पाकिस्तान में अपनाया हिंदू धर्म, भारत में रचाई शादी
वकील एपी सिंह ने बताया कि सीमा ने पाकिस्तान में ही हिंदू धर्म अपना लिया था। इसके बाद नेपाल और फिर भारत में सचिन मीणा से हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह किया। दोनों अब गौतम बुद्ध नगर के रबूपुरा क्षेत्र में साथ रह रहे हैं।
🧾 नागरिकता की याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित
वकील का दावा है कि सीमा हैदर की ओर से भारत सरकार और राष्ट्रपति को नागरिकता संबंधी दस्तावेज भेजे जा चुके हैं, जो विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को मानवीय आधार पर देखा जाना चाहिए और सीमा को आतंकी मामलों से जोड़ना पूरी तरह गलत है।
📌 वकील की दलीलें – क्यों मिलनी चाहिए नागरिकता?
पाकिस्तान में पति से तलाक और अकेली अभिभावक
भारत में हिंदू धर्म और विवाह
एक भारतीय नागरिक की पत्नी
एक भारतीय बेटी की मां
नागरिकता के दस्तावेज भारत सरकार के पास लंबित
🎮 PUBG से शुरू हुआ था प्यार
सीमा और सचिन की प्रेम कहानी की शुरुआत 2019 में PUBG गेम से हुई। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदली और 2023 में सीमा नेपाल के रास्ते भारत आ गईं। अपने चार बच्चों के साथ वो अवैध रूप से भारत में दाखिल हुईं और सचिन से शादी कर ली। इस रिश्ते का नया पड़ाव अब है – एक बेटी और उसकी भारतीय पहचान।
🧭 आगे क्या?
अब सवाल है कि क्या सीमा हैदर खुद भी भारत की नागरिक बन पाएंगी?
बेटी को मिली नागरिकता से उनके केस को संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। हालांकि, यह निर्णय अब भारत सरकार और राष्ट्रपति के हाथ में है।
सीमा हैदर की बेटी को भारतीय नागरिकता मिलना सिर्फ एक कानूनी निर्णय नहीं, बल्कि एक नई जिंदगी, एक नई पहचान और एक नई बहस की शुरुआत है। इस मामले से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी पहलुओं पर आने वाले समय में देशभर में चर्चा होगी।