इस जानलेवा बमारी से जूझ रहे थे तबला वादक Zakir Hussain, पढ़ें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें

 नई दिल्‍ली।
दुनियाभर में शास्त्रीय संगीत में भारत को अलग पहचान दिलाने वाले उस्ताद और मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का रव‍िवार को न‍िधन हो गया। उन्‍होंने सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में आख‍िरी सांस ली। जाक‍िर हुसैन के मौत की पुष्‍ट‍ि उनके परिजनों ने की है। बताया जा रहा है क‍ि 73 साल के Zakir Hussain इडियोपैथिक पल्मोनरी फारब्रोसिस बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले कुछ हफ्तों से उन्हें अमेरिकी के सैन फ्रांसिस्को शहर में एक अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था।
जाक‍िर हुसैन की मौत के बाद से मनोरंजन जगत में भी मातम छाया हुआ है। करीना कपूर, रणवीर सिंह, रितेश देशमुख और भूमि पेडनेकर समेत कई सेल‍िब्र‍िटीज ने दिवंगत तबला वादक को श्रद्धांजलि दी। आपको बता दें क‍ि जाक‍िर हुसैन को अपनी पीढ़ी का सबसे महान तबला वादक माना जाता है। उनका जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। वह प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र थे। जाक‍िर हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फारब्रोसिस (Idiopathic Pulmonary Fibrosis Disease) बीमारी से जूझ रहे थे। आइए जानते हैं क‍ि ये कौन सी बीमारी है-

क्‍या है IPF बीमारी

बताया जा रहा है क‍ि Zakir Hussain ब्‍लड प्रेशर के मरीज थे। इससे उन्‍हें दिल से जुड़ी कई बीमार‍ियां थीं। पीटीआई को दिए एक इंटरव्‍यू में जाक‍िर हुसैन ने बताया था क‍ि वो इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस IPF नामक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। ये एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। ये बीमारी फेफड़ों में होती है ज‍िससे सांस लेने की समस्‍या भी हो जाती हैं।

खून में हो जाती ऑक्‍सीजन की कमी

अगर कोई इस बीमारी से जूझ रहा होता है तो सांस लेने की समस्‍या तो होती ही है। साथ ही लंग्‍स में निशान ऊतक बढ़ने लगते हैं। जिससे सांस लेना काफी मुश्किल हो जाता है। बढ़ती उम्र के साथ-साथ ये बीमारी और भी गंभीर होती चली जाती है। इस बीमार‍ी से खून में ठीक तरह से ऑक्‍सीजन नहीं पहुंच पाता है। इससे शरीर में और गंभीर समस्‍याएं उत्‍पन्‍न होने लगती हैं।

ये है बीमारी का कारण

ऐसा कहा जाता है क‍ि ये बीमारी 70 से 75 उम्र के लोगों को अपनी चपेट में लेती है। कई मामलों में लंग्‍स ट्रांसप्‍लांट कराने पड़ सकते हैं। अगर क‍िसी को सांस लेने में दिक्कत हो रही है या तीन हफ्ते से ज्‍यादा समय से खांसी आ रही है तो तुंरत डॉक्‍टर से जांच करवाना जरूरी है। NIH के मुताब‍िक, अगर आप स्‍मोक करते हैं या आपके परिवार में IPF का इतिहास रहा है तो इस बीमारी का खतरा अध‍िक रहता है।

IPF के लक्षण

NIH के मुताब‍िक, सांस लेने में तकलीफ होना, ड्राई कफ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, हद से ज्‍यादा थकान, वजन कम होना इनके आम लक्षणों में से एक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *