अंडे हमारी डाइट का एक अहम हिस्सा हैं, खासकर सर्दी के मौसम में। ये प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं। इसलिए रोजाना अंडे खाने से सेहत को काफी पहुंचता है, लेकिन आजकल बाजार में नकली अंडे भी मिलने लगे हैं। सर्दियों में अंडों की डिमांड बढ़ने की वजह से नकली अंडों का कारोबार भी तेजी से बढ़ने लगता है। इन नकली अंडों को खाने से स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि असली और नकली अंडे में क्या अंतर होता है और नकली अंडों की पहचान कैसे की जाए।
क्यों बिकते हैं नकली अंडे?
- कम कीमत- नकली अंडे असली अंडों की तुलना में काफी सस्ते होते हैं।
- लंबी शेल्फ लाइफ- नकली अंडे लंबे समय तक खराब नहीं होते हैं।
- दिखने में असली जैसे- नकली अंडे असली अंडों की तरह ही दिखते हैं, जिससे इनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
नकली अंडे खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
- स्वास्थ्य के लिए हानिकारक- नकली अंडों में कई तरह के केमिकल और हानिकारक पदार्थ होते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
- पोषण की कमी- नकली अंडों में असली अंडों जितने पोषक तत्व नहीं होते हैं।
- कई बीमारियां- नकली अंडों को खाने से पाचन संबंधी समस्याएं, एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे करें नकली अंडों की पहचान?
छिलके की जांच
- असली अंडे का छिलका थोड़ा खुरदरा और दानेदार होता है। इनके छिलके देखने में परफेक्ट दिखाई नहीं देते हैं।
- नकली अंडे का छिलका बिल्कुल चिकना होता है और ये देखने में चमकदार नजर आते हैं। इन अंडों के छिलके आर्टिफिशियल तरीके से चमकदार और स्मूद बनाए जाते हैं।
अंडे को पानी में डालकर चेक करें
- असली अंडे की डेंसिटी पानी से ज्यादा होती है, इसलिए यह पानी में डूब जाता है।
- नकली अंडे हल्के होते हैं और पानी पर तैरते हैं।
जर्दी और सफेदी की बनावट
- असली अंडे की जर्दी गोल और सख्त होती है, जबकि सफेदी साफ और थोड़ी पतली होती है।
- नकली अंडे की जर्दी कम गोल और टूटने में आसान होती है। सफेदी ज्यादा साफ और असामान्य रूप से गाढ़ी या पतली हो सकती है।
अंडे को तोड़कर देखें
- असली अंडे को तोड़ने पर जर्दी और सफेदी अलग-अलग होती हैं और जर्दी गोल होती है।
- नकली अंडे को तोड़ने पर जर्दी और सफेदी आपस में मिली हुई होती हैं और जर्दी का आकार अनियमित होता है।
अंडे को हिलाकर देखें
- असली अंडे को हिलाने पर कोई आवाज नहीं आएगी।
- नकली अंडे को हिलाने पर अंदर से पानी जैसी आवाज आती है, क्योंकि इनके अंदर की सफेदी और जर्दी छिलके से अलग होते हैं।